Tuesday, May 17, 2011

ट्रिगर मैथड अपनाएं , आत्मविश्वास झट से पाएं Trigger Method


जब भी तुम्हें स्ट्रेस हो या फिर से वही कॉन्फिडेंस पाना चाहो तो ट्रिगर मैथड का इस्तेमाल करो। इसमें दी गई कुछ बातों को फॉलो करो और अंगुली व अंगूठा दबाने की एक्सरसाइज करो। फिर देखिये..
पहला मिनट: सफलता से जुड़े दृश्य 
एक मिनट में सक्सेस से जुड़े सीन देखें। तुम अपने अतीत से जुड़ी या किसी भी भावी सफलता को इमेजिन कर सकते हो..अपनी यादों को खूब रंग-बिरंगी व चलती-फिरती तस्वीरों से सजाना न भूलें।
दूसरा मिनट: दर्पण
1.  एक शीशे के सामने खड़े होकर आंखें बंद करें।
2.  किसी ऐसे इंसान के बारे में सोचें, जो तुम्हें प्यार करता हो, खुद को उसकी नजरों से देखें।
3.  जब तुम तैयार हों, तो आंखें खोलकर शीशे में देखें और खुद को किसी दूसरे की नजरों से देखने दें।
तीसरा मिनट: खुद की तारीफ
खुद को शीशे में देखते हुए पूरे एक मिनट तक भरपूर कॉन्फिडेंस से भरी, मन की आवाज में खुद की तारीफ करो। ऐसा करना भले ही तुम्हें मुश्किल लगे, पर यह तुम्हारे लिए बहुत मायने रखता है। तुम अपनी ऊर्जा बदल रहे हो, इसलिए जो लाइफ से चाहते हो, उसे ज्यादा प्रभावित करोगे।
चौथा मिनट: ‘कॉन्फिडेंस स्विच’; आत्मविश्वास जगाएं
1.   वह टाइम याद करो, जब तुमने खुद को कॉन्फिडेंस से भरा पाया था। उस टाइम में जाने के बाद देखो कि तुमने क्या देखा था-सुनो कि तुमने क्या सुना था और महसूस करो कि क्या महसूस किया था? यदि तुम ऐसी कोई बात याद नहीं कर सकते तो कल्पना करो कि कॉन्फिडेंस से भरपूर होते तो तुम्हारी लाइफ कितनी ज्यादा बेहतर होती।
2.   इन यादों के रंगों को और गहरा, आवाजों को और तेज बनाओ और खुद को मजबूत महसूस करो।
3.   इन अच्छी भावनाओं को फील करते टाइम दोनों में से किसी हाथ के अंगूठे और बीच वाली अंगुली को एक साथ दबाएं।
4.   इन दोनों को थामे हुए, 24 घंटों में सामने आने वाली किसी ऐसी परिस्थिति के बारे में सोचें, जिसके लिए तुम अधिक विश्वस्त होना चाहते हो। कल्पना करो कि सब ठीक चल रहा है, ठीक वैसे, जैसा तुम चाहते हो। देखो कि तुम क्या देखोगे, सुनो कि तुम क्या सुनोगे, महसूस करो कि यह कितना अच्छा लगता है।
हालांकि शुरुआत में यह थोड़ा अजीब लग सकता है। लेकिन यह काफी कारगर है। मैं चाहता हूं कि तुम जब भी किसी स्ट्रेस देने वाली सिच्युएशन में हो, तब इन बातों को फॉलो करो। तुम देखोगे कि तुम्हारा स्ट्रेस गायब हो जाएगा। चाहे जादू जैसा लगे, लेकिन यह एक विज्ञान है। तुम्हें खुद को कुछ मिनटों की एकाग्रता के लिए तैयार करना होगा। यह बहुत मायने रखता है, क्योंकि तुम्हें अंगूठा और अंगुली दबाते हुए उस एक भाव पर लगातार विचार करना है। पीड़ा से धीरे-धीरे भाव घटेगा। जब भी वही आत्मविश्वास पाना चाहें तो अंगुली व अंगूठा दबाना, ट्रिगर का काम करेगा। इस एक्सरसाइज को सप्ताह में एक बार दुहराते रहो।


2 comments:

Khushdeep Sehgal said...

अनवर भाई,
हमें ज़रूरत होती है तो बस आप की पोस्ट पढ़ लेते हैं...

जय हिंद...

DR. ANWER JAMAL said...

@ ख़ुशदीप जी, आज तो आपने महज़ एक लाइन से ही हमें हंसा दिया।
शुक्रिया कि अब आपकी नज़र हम पर भी पड़ने लगी है।
हा हा हा !!!